लेखनी कहानी -08-Jul-2022 यक्ष प्रश्न 1
लड़का होना गुनाह हो गया है आजकल
जमाना कितना बदल गया है आजकल । एक जमाना था जब लड़की होना गुनाह था । अब जमाने ने पलटी मारी है और अब लडका होना गुनाह हो गया है ।
एक वाकया सुनाता हूं । लखनऊ की व्यस्त सड़कों पर एक कैब चालक अपनी कैब लेकर जा रहा था । एक चौराहे पर जैब्रा लाइन पर एक लड़की उसकी गाड़ी के आगे आ गई । उसने गाड़ी रोक दी । गाड़ी उस लड़की से टकराई नहीं बल्कि पहले ही रुक गई थी ।
तमतमाती हुई लड़की ने उस कैब की ड्राइवर साइड का गेट खोला और उस ड्राइवर को बाहर खींच लिया । फिर एक के बाद एक दनादन उसके गाल पर थप्पड़ बरसाने लगी । सड़क पर भीड़ इकट्ठी हो गई । सब लोग बड़े प्रेम से तमाशा देखते रहे । किसी ने रोकने की कोशिश नहीं की । लड़की खेंच खेंच कर कैब के ड्राइवर को थप्पड़ मारती रही । ड्राइवर उससे पूछता रहा कि मेरी गलती क्या है ? मगर वह तो सिंहनी थी और सिंहनी "चूहों" को जवाब देती है क्या ?
वह लगातार दनादन मारती रही । ड्राइवर ने फोन पर अपने भाई और घरवालों को बुलाना चाहा तो उसने झपटकर उसका मोबाइल ले लिया और जोर से बीच सड़क पर फेंक दिया जिससे बेचारा मोबाइल इस दुनिया को अलविदा कह गया ।
एक सज्जन कुछ बीच-बचाव करने के इरादे से आगे आये लेकिन उस लड़की ने उनके गाल भी लाल कर दिये । बाकी लोगों को अपने गाल लाल नहीं करवाने थे इसलिए वे दो कदम पीछे हट गए ।
अब तो लड़की के हौंसले और भी बुलंद हो गये । ट्रैफिक पुलिस मौके पर मौजूद थीं लेकिन वह तमाशबीन बनी रही । शायद उसे भी गालों के लाल होने का डर सता रहा होगा ।
बीस पच्चीस थप्पड़ मारने के बाद शायद उस लड़की का पेट भर गया था । फिर बारी आई पुलिस की । पुलिस ने उस कैब ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले गई । वहां पर उसे बैठा दिया गया ।
लोग समझ नहीं पा रहे थे कि मामला क्या है ? सड़क पर मार कुटाई देखकर सबसे पहले ध्यान में आता है कि कोई एक्सीडेंट हो गया होगा । लेकिन यहां तो गाड़ी टच भी नहीं हुई थी । फिर ध्यान में आता है कि लड़की पीट रही है और लड़का पिट रहा है । इसका मतलब है कि लड़के ने कुछ ना कुछ तो अवश्य किया होगा । अरे ये क्या ? लड़के ने कुछ भी नहीं किया ? असंभव ! ऐसा हो ही नहीं सकता ? लड़के इतने शरीफ कब से हो गये हैं ? इस बात को कोई मानना ही नहीं चाहता ।था
फिर क्या कारण है जो लड़की उस कैब ड्राइवर को लगातार मारे जा रही थी ? एक ही कारण है कि वह लड़की है । वह कुछ भी कर सकती है । उसने जो कह दिया बस, वही सही । उसने जो कर दिया , बस वही सही । लड़कों का क्या है ? कुछ करें या नहीं , मगर अपराधी वही हैं । पहले तो सरेआम पिटो । बेइज्जत होओ । फिर थाने में बंद हो जाओ । और बाद में ज़मानत के लिए चक्कर काटते रहो । अखबारों में "हैवान" "दरिंदे" जैसे शब्द पढ़ो । न्यूज़ चैनलों पर अपनी "गुंडागर्दी" पर,डिबेट सुन लो, देख लो । लड़कियों का महिमा मंडन सुनो और लड़का होने पर अफसोस जताते रहो । "हाय , मैं लड़का क्यों पैदा हुआ ? लड़का होना ही मेरा गुनाह है । और वह अपने मुकद्दर को कोसने लगता है ।
ऐसे सीन आजकल कई जगह देखने को मिल जाते हैं । अगर आपको याद हो तो कुछ साल पहले दिल्ली में भी एक लड़की ने एक बाइक सवार युवक के साथ एक भरी सड़क पर एक चौराहे पर पहले तो बदतमीजी की । फिर थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करा दी । बेचारे लड़के की इस घटना के कारण नौकरी छूट गई । दूसरा काम किसी ने दिया नहीं । मजे की बात देखिए कि वह लड़की एक बार भी अपनी गवाही देने कोर्ट नहीं आई । बाद में वह लड़का बाइज्जत बरी हो गया । लेकिन इस चक्कर में उसकी जिंदगी तो बरवाद हो गई । पर उस लड़के की तो ऐसी तैसी हो गई ।
ऐसे बहुत सारे केस हैं । लड़कियां ये सब कर रहीं है और कह रही हैं कि "हम कुछ भी कर सकते हैं" और "पीटना , झूठी एफ आई आर दर्ज कराना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है" । लड़कों की सरेआम बेइज्जती करने में जो मजा इन्हे आता है वह और कहीं भी नहीं आता है । लड़कियां अब लड़की होने पर शर्म नहीं गर्व करती है । जबकि लड़के अपने लड़के होने पर शर्म महसूस करते हैं । जमाने में गज़ब का परिवर्तन आया है । अब महसूस होने लग गया है कि लड़का होना एक गुनाह बन गया है आजकल ।
दशला माथुर
20-Sep-2022 11:25 AM
Very nice
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shweta soni
19-Sep-2022 11:58 PM
बेहतरीन रचना 👌
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Rahman
14-Jul-2022 10:26 PM
Nice
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